कर्ज़ा बहुत हो गया? लोग परेशान कर रहे हैं? जी नहीं पा रहे? बस ये एक बार देख लो
एक कथा से शुरुआत रामेश नाम का युवक था।छोटे से शहर में उसकी किराने की दुकान थी। धीरे–धीरे कारोबार में घाटा होने लगा।उधार चढ़ गया, और महाजन रोज़ दरवाजे पर खड़े हो जाते। रामेश रात को तकिये पर सिर रखते ही करवटें बदलता रहता।सोचता— “हे भगवान! अब क्या करूँ? जीने की हिम्मत ही खत्म हो … Read more