उम्मीदों का प्रभात
बहुत से लोग इस शब्द को इंटरनेट पर ढूंढते हैं और अपनी समस्याओं को हल करते हैं।
और बहुत से लोगों को इस शब्द के प्रति रुचि और जिज्ञासा, मतलब की जानने की इच्छा बनी रहती है।
कि उम्मीदों का प्रभात क्या है? उम्मीदों का प्रभात कौन है? उम्मीदों का प्रभात क्यों है? इसका मिशन क्या है? इसका उद्देश्य क्या है? इसका कार्य क्या है? इसके आगे की रूपरेखा क्या है? इसकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं? और भी बहुत कुछ, जैसे कि यही नाम क्यों चुना गया? यह कब से शुरू हुआ? इसके माध्यम से लोगों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? और भी बहुत कुछ…
तो दोस्तों, चलिए आज के ब्लॉग को स्टार्ट करते हैं इस महत्वपूर्ण टॉपिक के साथ… इसके बारे में बहुत से लोग जानना चाहते हैं। बहुत से लोग संपर्क करना चाहते हैं। बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि उम्मीदों का प्रभात कहां रहता है? उम्मीदों का प्रभात का नाम क्या है? उम्मीदों का प्रभात का काम क्या है? उम्मीदों का प्रभात का लक्ष्य क्या है?
इस बारे में हम बारी-बारी से सभी सवालों के जवाब जानेंगे। तो चलिए इन पंक्तियों के साथ शुरू करते हैं, जो रग-रग में जोश भर देती हैं और निराशा को आशा में बदलती हैं। असफलता से सफलता की ओर ले जाती हैं…
..…कोशिश कर…..
“ कोशिश कर, हल निकलेगा आज नहीं तो कल निकलेगा
अर्जुन के तीर सा सध मरुस्थल से भी जल निकलेगा
मेहनत कर, पौधों को पानी दे बंजर जमीन से भी
फल निकलेगा
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे
फौलाद का भी बल निकलेगा
जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को गरल के समंदर से भी गंगा जल निकलेगा
कोशिश कर, कुछ करने की जो थमा-थमा सा है आज, कल-कल निकलेगा ”
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात क्या है?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात एक उद्देश्य है, खुद से ऊपर उठकर दूसरों की सेवा करने का… खुद की समस्याओं से ऊपर उठकर दूसरों की समस्याओं को सुलझाने का… आत्महित से ऊपर उठकर परहित करने का, मतलब कि अपना भला न सोचकर दूसरों का भला करने का।
इस दुनिया में अधिकांश लोग ऐसे हैं जो केवल खुद के बारे में सोचते हैं, खुद की ज़रूरतें पूरी करते हैं, खुद की समस्याओं से उलझे रहते हैं और खुद का ध्यान रखते हैं कुल मिलाकर, वे पूरी लाइफ खुद के बारे में ही उलझे रहते हैं। जीवन खत्म हो जाता है और उनका नाम भी मिट जाता है।
लेकिन इसके उलट आपने यह देखा होगा कि दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो आज मरकर भी अमर हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके उद्देश्य में पवित्रता और अपनत्व से ऊपर उठकर सर्वत्र की भावना थी। उन्होंने कुछ ऐसे काम किए जो पूरे समाज के लिए, समूह के लिए और देश के लिए भलाई का काम थे।
और जहां तक मुझे लगता है, अगर ऐसी भावना दुनिया में सब लोगों में हो जाए, तो यह दुनिया स्वर्ग से कम नहीं होगी। आपस में भाईचारा होगा, जन-जन एक होंगे, दूसरों की समस्या अपनी समस्या होगी और अपनी समस्या दूसरों की। सब खुशहाल होंगे, सब विकास करेंगे, सब जीवन में आगे बढ़ेंगे, सफलता प्राप्त करेंगे।
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात कौन है?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात एक भावना है जो परेशानी में फंसे व्यक्ति की सहायता करती है। इस दुनिया में अपनों की मदद करने वाले बहुत से लोग हैं, पर गैरों की मदद करने वाले बहुत कम ही लोग हैं।
अगर आपके सामने कोई भूखा आ जाए और आपके हृदय में दया भाव आ जाए और आप उसे अपने पैसे से खाना खिला देते हैं, तो उस समय आप उम्मीदों का प्रभात हैं।
अगर आप रास्ते में कहीं जा रहे हैं और किसी व्यक्ति को चोट लग गई है और अपने पैसे से आप उसकी पट्टी बंधवा देते हैं, उसका ड्रेसिंग करवा देते हैं, यथासंभव उसका इलाज करवा देते हैं, तो उस समय आप उम्मीदों का प्रभात हैं।
अगर कोई रास्ता भटक गया है और आपसे सही रास्ता पूछ रहा है, और आप उसे उस मंजिल तक पहुंचने में सहायता करते हैं, तो उस समय आप उम्मीदों का प्रभात हैं।
दोस्तों, उम्मीदों का प्रभात की जिस भावना के बारे में बात की जा रही है, वह इतनी छोटी नहीं है कि उसे समूह, समाज, क्षेत्र, देश, जाति, धर्म की सीमाओं में बांधा जा सके। यह एक विश्व व्यापक भावना है।
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात क्यों है?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात इसलिए है क्योंकि हम मनुष्य हैं और ईश्वर ने हमें एक अद्वितीय मस्तिष्क दिया है, जिसमें सोचने, समझने और तर्क करने की क्षमता होती है।
हमारे शब्दकोश में “मानवता” एक महत्वपूर्ण शब्द है, जिसका अर्थ एक-दूसरे का सहयोग करना है, और यही मनुष्य का असली उद्देश्य है। कई धर्मों और ग्रंथों में यह स्वीकार किया गया है कि मनुष्य ईश्वर का एक अंश है और उसमें देवता बनने की शक्ति है।
प्रश्न – उम्मीदों का प्रभात का उद्देश्य क्या है?
उत्तर – उम्मीदों का प्रभात का उद्देश्य सहयोग करना है।
अगर कोई निराशा में है, तो उसे आशा देना है। अगर कोई मृत्यु के बारे में सोच रहा है, तो उसे जीवन की नई दिशा दिखानी है। अगर कोई परेशानी में फंसा हुआ है, तो उसे सहयोग देकर बाहर निकालना है। अगर कोई हार रहा है, तो उसे जीतने की प्रेरणा देना है। और अगर कोई आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है लेकिन सफल नहीं हो पा रहा है, तो उसे सहयोग देकर आगे बढ़ाना है।
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात का कार्य क्या है?
उत्तर- वर्तमान में उम्मीदों का प्रभात मुफ्त संसाधनों द्वारा लोगों की सेवा कर रहा है, और उसका एक यूट्यूब चैनल है “उम्मीदों का प्रभात,” जिसके माध्यम से वह लोगों को हिसाब-किताब करना सिखाते हैं।
उनका मानना है कि बहुत से लोग अपने जीवन में उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते। ऐसे लोग बाजार में खरीदारी करते समय और धन संबंधी लेनदेन करते समय किसी कार्य का हिसाब करते समय असुविधा का सामना करते हैं।
बहुत से लोग हैं जिन्हें गणित से डर लगता है, जिनके लिए जोड़, घटाना, गुणा, भाग करना पहाड़ धकेलने जैसा है। ऐसे लोग जो हिसाब-किताब नहीं कर पाते, चार लोगों के बीच में डरे-डरे रहते हैं।
कभी-कभी उन्हें दूसरों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ता है, और उस समय उन्हें बहुत बुरा अनुभव होता है। उम्मीदों का प्रभात चैनल की शुरुआत भी इसी उद्देश्य से की गई है कि लोगों को इस डर को जीतने में सहायता की जा सके।
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात के आगे की रूपरेखा क्या है?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात निकट भविष्य में अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कई क्षेत्रों में विस्तार करने की योजना बना रहा है।
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात की भविष्य की योजनाएं क्या-क्या हैं?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात की भविष्य की अनेक योजनाएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
1. विद्यार्थियों के प्रतिभा और कौशल विकास के लिए संगीत, नृत्य, गायन, वादन, खेल, तैराकी, पेंटिंग आदि की प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करना और संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करना।
2. विद्यार्थियों को कंप्यूटर और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना, जिससे वे अपनी आजीविका के लिए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कौशल प्राप्त कर सकें और स्वरोजगार के नए आयाम प्रस्तुत करके देश, स्वयं और समाज के विकास में भागीदार बन सकें।
3. निराश्रित बच्चों को शिक्षक सुविधा, पुनर्वास, भोजन और वस्त्र की व्यवस्था करना।
4. सर्व शिक्षा अभियान के तहत सर्वे करना, विद्यालय की स्थापना करना, प्रचार-प्रसार एवं अन्य कार्यों का संचालन करना और अशिक्षितों को शिक्षित करना।
5. सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और संचालन करना।
6. शैक्षिक विकास और उत्थान के लिए प्राइमरी या बेसिक स्तर से उच्च स्तर तक के विद्यालयों और महाविद्यालयों की स्थापना करना।
7. बेरोजगारी की समस्या दूर करने के लिए प्राविधिक और इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना तथा प्रशिक्षण, और आर्थिक रूप से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
8. ग्रामीण और अशिक्षित क्षेत्रों में बालिकाओं और महिलाओं के लिए सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, कटाई आदि का प्रशिक्षण देना।
9. दिव्यांग, विधवा और असहाय वृद्धों के कल्याण के लिए कार्य करना और दिव्यांग, विधवा तथा वृद्धाश्रम की व्यवस्था करके उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था करना।
10. अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न स्थानों पर अपनी शाखाएं खोलकर जनहित में कार्य करना।
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात नाम क्यों चुना गया?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात नाम बहुत सोच-समझकर रखा गया है क्योंकि शीर्षक ऐसा होना चाहिए जिसमें उसके उद्देश्य, उसकी कार्यशैली और उसके नेतृत्व का प्रतिनिधित्व हो सके।
यह शीर्षक ऐसा है जिसे पढ़ने से मन में आशा की ज्योति जलती है और निराशा आशा में बदल जाती है। कोई रास्ता न दिखाने पर एक रास्ता दिखाई देने लगता है और जब सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं, तब भी एक दरवाजा ऐसा होता है जो खुला रहता है और जिससे समस्या का समाधान हो सकता है।
मतलब, हर स्थिति या परिस्थिति में एक रास्ता ऐसा होता है जो खुला होता है। बस जरूरत है तो उस दरवाजे को खोजने की, उसे तरीके या विधि की तलाश करने की, जिससे काम हो सकता है, सफलता मिल सकती है और मंजिल पाई जा सकती है।
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात कब शुरू हुआ?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात चैनल पर 18 मई 2018 को पहला वीडियो अपलोड हुआ था जिसका शीर्षक था “सवा, पौने और साढ़े कैसे निकालेंगे।”
प्रश्न- उम्मीदों का प्रभात के माध्यम से लोगों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
उत्तर- उम्मीदों का प्रभात के माध्यम से मार्केट में दैनिक जीवन में काम आने वाले हिसाब-किताब को आसानी से सीखा जा सकता है।
Wow sir thank you for umeedon ka prabhat ke bare mein jankari dene ke liye 🙏🙏
Your’s welcome MR. RANJAN KUMAR and thankyou for supporting us.
Aasha hai aap apne jevan me accha karenge.